गुलाबी नगरी 'जयपुर' पर्यटकों के अलावा उन राजनेताओं के लिए भी पसंदीदा जगह बन गया है, जो उस वक्त यहां लाकर ठहराए जाते हैं, जब किसी राज्य में 'सत्ता की कुर्सी' हिलने लगी हो। ताजा उदाहरण मध्यप्रदेश का है। कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा ज्वाइन कर ली है और मध्यप्रदेश के अनेक कांग्रेसी विधायकों को जयपुर के एक होटल में लाकर बैठा दिया गया है। इससे पहले जब भाजपा की वसुंधरा राजे राजस्थान की मुख्यमंत्री थीं, तो गोवा और झारखंड के कुछ विधायकों को गुलाबी नगरी में लाया गया था।
मध्यप्रदेश के ताजा प्रकरण में वहां के विधायकों को तीन जगहों पर भेजा गया है। भाजपा के सभी विधायक हरियाणा के गुरुग्राम में ठहरे हैं। कांग्रेस पार्टी के अधिकांश विधायक जयपुर में पहुंच गए हैं। भाजपा ज्वाइन करने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक कई कांग्रेसी विधायक बेंगलुरु के होटल में बताए जा रहे हैं।
नवंबर 2019 में जब महाराष्ट्र में सत्ता का जोड़ तोड़ चल रहा था तो कांग्रेस पार्टी ने सभी 44 विधायकों को जयपुर में भेज दिया था। महाराष्ट्र के सभी कांग्रेसी विधायक कई दिनों तक कथित तौर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मेहमान बन कर रहे थे। ऐसी परिस्थितियों में विधायकों के आने-जाने और ठहरने का सारा इंतजाम मुख्यमंत्री को ही करना पड़ता है।
विधायकों के लिए आलीशान होटल या रिसोर्ट, क्या ठीक रहेगा, ये सब मुख्यमंत्री तय करते हैं। इतना ही नहीं, सबसे बड़ी जिम्मेदारी जो अंदरखाने मुख्यमंत्री को ही निभानी होती है, वह है विधायकों की सुरक्षा।
नवंबर 2019 में जब महाराष्ट्र में सत्ता का जोड़ तोड़ चल रहा था तो कांग्रेस पार्टी ने सभी 44 विधायकों को जयपुर में भेज दिया था। महाराष्ट्र के सभी कांग्रेसी विधायक कई दिनों तक कथित तौर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मेहमान बन कर रहे थे। ऐसी परिस्थितियों में विधायकों के आने-जाने और ठहरने का सारा इंतजाम मुख्यमंत्री को ही करना पड़ता है।
विधायकों के लिए आलीशान होटल या रिसोर्ट, क्या ठीक रहेगा, ये सब मुख्यमंत्री तय करते हैं। इतना ही नहीं, सबसे बड़ी जिम्मेदारी जो अंदरखाने मुख्यमंत्री को ही निभानी होती है, वह है विधायकों की सुरक्षा।